बारिश के मौसम में वायरल बुखार का खतरा बढ़ा: जानें बचाव के उपाय



मुख्य बिंदु (Highlights):

  • मौसम बदलते ही वायरल संक्रमण के मामलों में तेजी

  • अस्पतालों में बुखार, खांसी और गले में खराश के मरीजों की संख्या दोगुनी

  • डॉक्टरों की सलाह: साफ-सफाई, इम्युनिटी और जल संतुलन का रखें विशेष ध्यान

  • घर पर रखें कुछ घरेलू नुस्खे: तुलसी, अदरक और हल्दी

बारिश और बीमारियों का पुराना नाता

मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं कई तरह की बीमारियाँ भी साथ लाता है। सबसे आम समस्या होती है वायरल बुखार, जो खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है। इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाने से वायरस तेजी से फैलते हैं।

बढ़ते मरीज और अस्पतालों की चिंता

दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना जैसे शहरों में अस्पतालों में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में 40% तक बढ़ोत्तरी देखी गई है।
डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों को तेज़ बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, बदन दर्द और कभी-कभी उल्टी और दस्त की भी शिकायत रहती है।
कुछ मामलों में डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छरजनित रोग भी वायरल जैसे लक्षण दिखाते हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनती है।

विशेषज्ञों की सलाह: कैसे करें बचाव?

डॉक्टरों का मानना है कि बारिश के मौसम में कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर वायरल बुखार से बचा जा सकता है:

 1. हाथ धोने की आदत डालें

हर बार खाना खाने से पहले और बाहर से आने के बाद हाथ धोना बहुत जरूरी है।

 2. भीगने से बचें और कपड़े बदलें

अगर बारिश में भीग गए हों, तो तुरंत सूखे कपड़े पहनें। गीले कपड़े शरीर के तापमान को प्रभावित करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है।

 3. साफ पानी और घर का बना खाना खाएं

बारिश में बाहर का खाना और खुले में मिलने वाली चीज़ें संक्रमण का कारण बन सकती हैं।

 4. मच्छरों से सुरक्षा जरूरी

मच्छरदानी, रिपेलेंट्स और जलजमाव रोकने के उपाय करें। डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियाँ इस मौसम में आम हैं।

 5. इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ लें

तुलसी का काढ़ा, हल्दी वाला दूध, अदरक-शहद जैसे घरेलू उपाय प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

घरेलू नुस्खे जो ला सकते हैं राहत

सामग्री उपयोग का तरीका लाभ
तुलसी के पत्ते पानी में उबालकर पिएं संक्रमण से लड़ने में मदद
हल्दी दूध में मिलाकर लें सूजन और बुखार में लाभकारी
अदरक और शहद चाय में डालें या ऐसे लें गले की खराश और खांसी में राहत
गिलोय काढ़े के रूप में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला

कब डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी है?

अगर बुखार 3 दिनों से अधिक बना रहे, या लक्षण जैसे त्वचा पर चकत्ते, अत्यधिक कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ दिखें – तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारी

राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों में वायरल बुखार के लिए विशेष वार्ड तैयार किए हैं। साथ ही, जन-जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

बारिश का मौसम अपने साथ सुकून के साथ-साथ बीमारियाँ भी लाता है। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और स्वच्छता से हम इन संक्रमणों से आसानी से बच सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली और समय पर डॉक्टर से सलाह ही सबसे बड़ा बचाव है।


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